पत्नी का भोलापन पत्नी की मुर्खता , प्रेमिका की मुर्खता प्रेमिका का भोलापन .
Facebook पर ही ये पंक्तियाँ पढ़ी .लेखक के प्रति मन श्रधा से भर गया .
किसी बड़े हास्य लेखक का सटीक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण .
एक पंक्ति और पूरा दर्शन -पत्नी और प्रेमिका .
दिन भर ये पंक्तिया हसाती रही पत्नी और प्रेमिका का अंतर दिखाती रही .
अंतर देखिये --------
पत्नी की पीड़ा - पत्नी का अभिनय , प्रेमिका का प्रभु मुझे दे दो .
पत्नी की सलाह - उलाहना , प्रेमिका की प्रेरणा .
पत्नी का गाना - क्यूँ गाती हो , प्रेमिका का गाना क्या गाती हो
पत्नी की माँ - मुसीबत की जड़ , प्रेमिका की माँ मम्मी जी
कहने का अभिप्राय यह की लेखक की एक ही पंक्ति पतियों की साड़ी गोपनीय भावनाओं का भंडाफोड़ करती है .
सोचता हूँ पत्नी और प्रेमिका का एक cocktail , एक fusion या एक मिश्रित चरित्र तैयार हो जाये तो जीवन स्वर्ग हो जाये .
पर विडंबना देखिये - प्रेमिका , पत्नी बन्ने को तैयार नहीं और पत्नी , प्रेमिका .
पत्नी जी तो कसम खाकर ही आती है की - न प्रेमिका बनूंगी और न ही बन्ने दूँगी . अर्थात पति महोदय हर हाल मैं प्रेम से मरहूम रहेंगे
जीने के लिए प्रेम बहुत जरूरी नहीं है .
पर इतनी जरुरी जरूर है की रेगुलर मिलती रहे फिर वो पत्नी se मिले या प्रेमिका से
विषय गंभीर है आप मiने या न माने .शाम को पति घर लौटता है ढेर सारा प्यार समेटे रास्ते भर खयालो में प्यार STOCK करते जाता है की जाते ही सब उड़ेल देगा . पर शायद अपने अन्दर के प्रेम पात्र की आहूति दे कर ही युवतियां पत्नी बनती है .अब जब पात्र ही नहीं है तो प्यार उड़ेले कहाँ ? नतीजन stock किया प्यार WASTE हो जाता है . ढेर सारी उर्जा नष्ट हो जाती है . इस असाधारण उर्जा से हमें बिजली पैदा करने की सोचना चाहिए .मुझे पूरा विश्वास है जिस उर्जा से दिल जलता है उससे BULB भी जलेगा , जरूर जलेगा . पति हित न सही राष्ट्र हित तो पूरा होगा .
प्रश्न उठता है fusion पत्नी मिले कैसे ? सोचना चाहिए , खोजना चाहिए आखिर कौन खोजेगा ? ये निकम्मा जीवन किसी के काम तो आना चाहिए . परंपरागत शादी का दंश तो हम झेल ही रहे हैं , संभव है प्रेम विवाह में यह fusion मिले .प्रेम की सरिता इसमें पहले से हीबहती है , बाद में नदी और धीरे धीरे अवश्य सागर का रूप ले लेती होगी .बिलकुल ठीक यही वजह होगी . अपने पर बड़ा अफसोस हुआ , प्रेम के मार्ग से गुजरे पर विवाह का निर्णय नहीं ले पाए .लोकलाज का बोध ही हमारी कमजोरी बन गया .वरना अपने में कमी क्या थी , किसी से भी फुसल जाते , किसी हसीना के बहकावे में आ जाते . पर नहीं हमने निर्णय पिता जी पर छोड़ दिया यह्हीं पर चूक हो गयी उन्होंने वही किया जो उनके पिता जी ने किया , एक भारतीय पत्नी दिला दी . खुद भी जीवन भर आलोचना सुनते रहे और फिर हमें भी एक अदद कट्टर आलोचक पत्नी के हवाले कर निश्चिन्त हो गए . यानी बबूल उन्होंने बोया काट हम रहे हैं .
अपनी गलती से पिता जी ने कोई सबक नहीं लिया पर हम अवश्य लेंगे ,अपने कलेजे के टुकडो को शेरनी के हवाले कभी न करेंगे सुनिश्चित करेंगे की fusion बहु कैसे प्राप्त हो . हमारी पड़ताल हमे एक वीर मित्र के पास ले गयी जिन्होंने प्रेमिका को पत्नी में convert किया था . मिलते ही अपना प्रश्न उनके सामने पटक दिया - मित्र प्रेम की सरिता तो पहले ही थी अब तो सागर में दुबकी लगा रहे होंगे . मित्र बोला – आप जिस सरिता की बात कर रहे हैं पत्नी बनते ही उसका तो स्रोत ही सूख गया , अब वो केवल पत्नी है भारतीय पत्नी भारतीय रेल की तरह जो पटरी से उतर जाए कभी भी कहीं भी भाभी जी का चेहरा आँखों के सामने घूम गया कैसी प्रेम की मूर्ति दिखती थी , देखते ही प्यार करने को जी करता था , पर हुआ क्या कहता है स्रोत ही सूख गया .
हमें लगा मित्र झूट बोल रहा है छिपा रहा है , पर नहीं उसका कुपोषित चेहरा उसकी बात को प्रमाणित कर रहा है , देखने से ही लग रहा है की महीनो से प्रेम का छिडकाव उस पर नहीं हुआ है , मुझसे भी बत्तर हाल है .जमाने से बैर भी लिया मिला क्या वही पत्नी . आज इस बात का संतोष है की ज़माने से हमारी दोस्ती तो बरक़रार है . मामला उलझ गया यहाँ भी fusion भाभी जी नहीं मिली . चिंतन जारी रहता है बात समझ में आने लगती है .
गड़बड़ी पत्नी पाने के तरीकों में नहीं बल्कि पत्नी के status में है . इसे प्राप्त सामाजिक और कानूनी अधिकारों में है . असीमित शक्तियां पा कर सत्ता बौरा जाती है राजा निरंकुश हो जाता है , फिर पत्नी की सत्ता तो life time के लिए है क्यूँ न बौराएगी , कौन हटाएगा उसे , हम तो नहीं हटा पायेंगे ,कोई सभ्य आदमी नहीं हटा पायेगा ,.चुपचाप मान लेगा भगवान से सजा मिली है इस जन्म की नहीं तो पिछले जन्म की है पर सजा है , सहेंगे , पर कब तक .
पत्नियों को सोचना होगा समझना होगा , देखना होगा अपने पतियों के कुपोषित चेहरे अरे कौन सा समंदर मांगते हैं दो बूँद ही काफी है , .हमें दुत्कारो पर प्यार भी तो करो , हम प्यार के लिए प्रेमिका afford नहीं कर सकते . इन्हें दिखाई नहीं दे रहा एक नयी व्यवस्था की शुरुआत हो चुकी है LIVE IN RELATION SHIP, कहते हैं . इसमें कानूनी और सामजिक अधिकार ख़त्म कर दिए गए हैं , दरवाजे खुले है जब तक प्यार महसूस होगा रहेंगे नहीं तो जयराम जी की . ये व्यवस्था पत्नियों की बेरुखी से पनपी है , इसे रोकना होगा कौन रोकेगा ???? ये हमारी व्यवस्था है हम ही रोकेंगे , बहुत आसान है जरूरत है बस ek FUSION की बस एक COCKTAil बस एक मिश्रित चरित्र की , पत्नी और प्रेमिका ….....
http://youtu.be/y4eY3I_02Vc
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